भूकंप क्यों आता है?
जान लें कि पृथ्वी में 7 प्लेट्स हैं. हर वक्त ये प्लेट्स घूमती रहती हैं. पर कुछ जगह ऐसी भी हैं, जहां ये प्लेट्स एक-दूसरे से ज्यादा टकराती हैं. इस प्रकार के जोन को फॉल्ट लाइन कहते हैं. बार-बार टकराने की वजह से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं और इसके बाद ज्यादा दबाव पड़ता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. फिर नीचे की एनर्जी बाहर निकलने का मार्ग ढूंढने लगती है. इस डिस्टर्बेंस के कारण पृथ्वी पर भूकंप आता है. भूकंप का सेंटर धरती में जितना कम नीचे होगा तबाही उतनी ही ज्यादा होगी.
भूकंप कितनी तबाही कब लाता है?
रिक्टर स्केल |
असर |
0 से 1.9 तीव्रता |
केवल सीज्मोग्राफ पर पता चलता है. |
2 से 2.9 तीव्रता |
हल्का कंपन लोगों को महसूस होता है. |
3 से 3.9 तीव्रता |
जैसे कोई ट्रक पास से गुजरा, ऐसा लगता है. |
4 से 4.9 तीव्रता |
दीवारों पर टंगे फ्रेम के गिरने की संभावना रहती है. खिड़कियां टूट सकती हैं. |
5 से 5.9 तीव्रता |
फर्नीचर हिल सकता है. |
6 से 6.9 तीव्रता |
इमारतों की नींव में दरार आ सकती है. ऊपरी मंजिल को नुकसान पहुंच सकता है. |
7 से 7.9 तीव्रता |
इमारतें गिर जाती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं. |
8 से 8.9 तीव्रता |
बिल्डिंग सहित बड़े पुल गिर जाते हैं. इसके अलावा सुनामी का खतरा हो जाता है. |
9 और उससे अधिक तीव्रता |
भारी तबाही, मैदान में खड़े शख्स को पृथ्वी लहराती हुई दिखती है. |
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