ईद-उल-अधा, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है, मुसलमानों का एक प्रमुख त्योहार है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार ईद-उल-अधा का त्योहार 12वें महीने की 10 तारीख को मनाया जाता है। ईद-उल-फितर के बाद यह इस्लाम का दूसरा प्रमुख त्योहार है। रमजान का महीना खत्म होने के 70 दिन बाद बकरीद का त्योहार मनाया जाता है। ईद-उल-फितर, जिसे मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता है, रमजान के पवित्र महीने के आखिरी दिन मनाया जाता है, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग एक महीने का उपवास रखते हैं। दूसरी ओर, ईद-उल-अधा को बलिदान के दिन के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा, यह वार्षिक हज यात्रा के अंत को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। इस बार बकरीद का त्योहार 10 जुलाई को मनाया जा रहा है। बकरीद के मौके पर पेश हैं कुछ ऐसी शायरियां जिन्हें आप अपनों के साथ शेयर कर सकते हैं।
दिल जलते और जगमगाते रहे,
हम आपको इसी तरह याद करते रहे,
जब तक ज़िन्दगी है, ये दुआ है हमार,
आप ईद के चांद की तरह जगमगाते रहे…
तमन्ना आपकी सब पूरी हो जाए,
हो आपका मुक़द्दर इतना रोशन की,
आमीन कहने से पहले ही आपकी दुआ कबूल हो जाए…
ईद लेकर आती है ढेर सारी खुशियां,
ईद मिटा देती है इंसान मई दूरियाँ,
ईद है ख़ुदा का एक नयम टाबरोक,
इसलिए कहते है ईद मुबारक!
सदा हस्ते रहो जैसे हस्ते है फूल,
दुनिया के सारे घूम तुम जाओ भूल,
चारों तरफ फैलाओ खुशियों के गीत,
इसी उम्मीद के साथ तुम्हे मुबारक हो बकरीद!
अल्लाह की रहमत सदा आपके परिवार पर बरसे,
हर घूम आपके परिवार से दूर रहे!
मुबारक नाम है अल्लाह का,
मुबारक हो बकरीद तुम्हें,
जिसे तुम देखना चाहो उसी के दीदार हो तुम्हें…
सोचा किसी अपने से बात करू,
अपने किसी खास को याद करू,
किया जो फैसला बकरीद मुबारक कहने को,
दिल ने कहा, क्यों ना सबसे पहले आप शुरू करो…
हर ख़्वाब हो मंज़ूर-ए-खुदा,
मिले हर कदम पर रजा-ए-खुदा,
फ़नह हो लब्ज़-ए-ग़म यही है दुआ,
बरसात रहे सदा रहमत-ए-खुदा…